सरकारी कर्मचारियों के वेतन वृद्धि और पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण निर्णय

नई दिल्ली, 20 फरवरी 2025: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने अंतरिम स्पष्टीकरण की पुष्टि करते हुए स्पष्ट किया है कि सरकारी कर्मचारियों को उस वेतन वृद्धि का लाभ मिलेगा, जिसे उन्होंने अपनी सेवानिवृत्ति के पिछले दिन अर्जित किया था। यह निर्णय निर्देशक (प्रशासन और मानव संसाधन) केपीटीसीएल और अन्य बनाम सीपी मुंडिनमणि के मामले में लिया गया था।
महत्वपूर्ण निर्देश और उनकी पुष्टि
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ, जिसमें मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार शामिल थे, ने 6 सितंबर 2024 को इस संबंध में कई अंतरिम निर्देश पारित किए थे। 20 फरवरी 2025 को पीठ ने इन निर्देशों की पुष्टि की और निर्देश (डी) में संशोधन किया।
संशोधित निर्देशों के अनुसार:
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निर्णय की प्रभावशीलता – सुप्रीम कोर्ट का निर्णय दिनांक 11.04.2023 से प्रभावी होगा और तीसरे पक्ष पर लागू होगा। इसका अर्थ यह है कि 01.05.2023 से पेंशन में वेतन वृद्धि जोड़ी जाएगी, लेकिन 30.04.2023 से पहले की बढ़ी हुई पेंशन का भुगतान नहीं होगा।
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रिट याचिकाकर्ताओं के लिए राहत – जिन व्यक्तियों ने पहले रिट याचिका दायर की थी और सफल हुए थे, उन्हें निर्णय का लाभ मिलेगा और उनकी पेंशन में वेतन वृद्धि जोड़ी जाएगी।
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अपील लंबित होने की स्थिति में – जिन मामलों में निर्णय अंतिम रूप से नहीं आया है या जहां अपील लंबित है, उन पर यह निर्देश लागू नहीं होगा।
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संशोधित निर्देश (डी) – यदि किसी सेवानिवृत्त कर्मचारी ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT), उच्च न्यायालय, या सुप्रीम कोर्ट के समक्ष हस्तक्षेप/अभियोग/रिट याचिका/मूल आवेदन के लिए आवेदन किया है, तो उसे वेतन वृद्धि सहित बढ़ी हुई पेंशन उस महीने से तीन साल पहले की अवधि के लिए देय होगी, जिसमें आवेदन दायर किया गया था।
एम. सिद्धराज मामले का प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में एम. सिद्धराज केस का भी उल्लेख किया, जिसमें यह स्थापित किया गया था कि सरकारी कर्मचारियों को केवल इस आधार पर वेतन वृद्धि से वंचित नहीं किया जा सकता कि वे इसे अर्जित करने के अगले दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस फैसले के बाद, यह स्पष्ट हो गया कि सरकारी कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति के दिन तक अर्जित की गई वेतन वृद्धि के हकदार हैं।
प्रभावित कर्मचारियों के लिए राहत
- यदि किसी कर्मचारी को बकाया राशि सहित अतिरिक्त भुगतान किया गया है, तो उस राशि की वसूली नहीं की जाएगी।
- यदि कोई कर्मचारी वर्तमान निर्देशों के अनुपालन से असंतुष्ट है, तो उसे पहले संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी गई है।
- यदि आवश्यक हो, तो पीड़ित पक्ष प्रशासनिक न्यायाधिकरण या उच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
निष्कर्ष
सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से हजारों सरकारी कर्मचारियों को राहत मिली है, जो अपनी पेंशन में वार्षिक वेतन वृद्धि को शामिल करने की मांग कर रहे थे। यह फैसला यह सुनिश्चित करता है कि सेवा के दौरान अर्जित वेतन वृद्धि सेवानिवृत्त कर्मचारियों को उनकी पेंशन में समुचित रूप से मिले।
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