झारखंड में राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू, चिकित्सा भत्ता में कटौती!

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड सरकार के वित्त विभाग ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिवों के साथ-साथ सभी उपायुक्तों को पत्र भेजकर राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना के लागू होने की जानकारी दी है। इस संदर्भ में चिकित्सा भत्ता कटौती से संबंधित आदेश भी जारी कर दिया गया है।
आदेश के अनुसार, राज्यकर्मियों को प्रति माह मिल रहे 1000 रुपये के चिकित्सा भत्ता में से 500 रुपये की कटौती की जाएगी ताकि छह हजार रुपये का वार्षिक प्रीमियम जमा हो सके। अब कर्मियों को प्रतिमाह केवल 500 रुपये चिकित्सा भत्ता के रूप में मिलेगा। इस निर्णय को वित्त सचिव प्रशांत कुमार के आदेश से सभी विभागाध्यक्षों तक पहुंचा दिया गया है।
सचिवालय कर्मियों की वरीयता सूची पर रोक
झारखंड सरकार के सचिवालय कर्मियों की वरीयता निर्धारण करने के आदेश (आदेश संख्या 128) पर रोक लगा दी गई है। कार्मिक विभाग के संयुक्त सचिव रवि आनंद ने पत्र जारी कर इस संदर्भ में जानकारी दी।
ज्ञात हो कि बिहार से स्वेच्छा से झारखंड आने वाले कर्मियों को वरीयता सूची में नीचे रखने का प्रावधान था, जिससे कई कर्मियों की वरीयता प्रभावित होती थी। इस विवाद पर हाईकोर्ट ने फैसला दिया, जिसके बाद इस आदेश पर रोक लगाई गई है।
राजस्व अधिकारी पर झारखंड हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी
झारखंड हाईकोर्ट ने गैर-मजरूआ खास जमीन की जमाबंदी रद्द करने के मामले में राज्य के राजस्व अधिकारियों की कड़ी आलोचना की है। न्यायालय ने कहा कि पूर्व की कई न्यायिक घोषणाओं के बावजूद अधिकारी नियमों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं और केवल दस्तावेजों तक सीमित हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव और राजस्व सचिव को निर्देश दिया है कि सभी जिला उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश दिया जाए और उन्हें न्यायालय के आदेश की प्रति सर्कुलेट की जाए। मामला कोडरमा जिला के तिलैया थाना क्षेत्र के मड़वाटांड़ मौजा के खाता नंबर 1/50, प्लॉट 97/638, 97/639, 97/640 से जुड़ा है।
इस मामले में जमीन के बंदोबस्तीधारक धनी गोप द्वारा दायर डब्ल्यूपीसी 4258/2023 में पारित आदेश में हाईकोर्ट ने कोडरमा के तत्कालीन डीसी द्वारा जमाबंदी रद्द करने के आदेश को खारिज करते हुए उन्हें राहत दी है।
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